कुछ और भी है उत्तराखंड की रक्षक पुलिस का चेहरा
देहरादून  उत्तराखंड में सीपीयू कर्मी द्वारा एक व्यक्ति को पीटे जाने का ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड की रक्षक पुलिस का चेहरा कुछ और भी है.

 

इस एक वाक्य ने उत्तराखंड पुलिस की छवि को दूसरी तस्वीर में पेश किया है. हालांकि ऐसी तस्वीरें समय-समय पर सामने आती रहती हैं लेकिन करोना काल में जहां पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है वही ऐसी घटनाएं पूरे विभाग को शर्मसार भी कर देती हैं कुछ ऐसा ही वाक्या जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में देखने को मिला सीपीयू कर्मियों ने चेकिंग के नाम पर एक युवक को मारा पीटा ही नहीं बल्कि उसके माथे पर चाबी घोप डाली.

 

वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रोल हो गया इस हृदय विदारक वीडियो को कई ग्रुप हो और तमाम सोशल मीडिया के लोगों ने जमकर वायरल किया. और पुलिस विभाग की किरकिरी भी जमकर हुई देर रात इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने एक सीपीयू दरोगा और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और जनपद में शांति व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश जिला पुलिस को दिए.

 

यह मामला भले ही सोशल मीडिया पर थम गया हो लेकिन वीडियो को वायरल करने वाले नहीं थमे है.सवाल अब भी यही उठ रहा है कि सीपीओ कर्मियों ने जिस काम को अंजाम दिया क्या उसकी सजा सिर्फ निलंबित हो कर दी जा सकती है बिल्कुल भी नहीं समाज के सामने जिस पुलिस का काम रक्षक बनने का होता है वहीं अगर इस तरह की वारदात को अंजाम दे तो इसकी तस्वीर क्या होगी. पुलिस समाज से आखिर शांति व्यवस्था बनाने की उम्मीद कैसे कर सकती है बरहाल मामला जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में जनप्रतिनिधियों और तमाम नेताओं के दखल के बाद शांत है. 

 

लेकिन सवाल यही घूम रहा है कि आंखें ऐसी घटनाएं उत्तराखंड में फिर से ना हो और कोई अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए संयम की पहल महकमे को जरूर करनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा से अपनी जगह ना बना पाए